बच्चों में डिप्रेशन! 4 तरीकों से दूर कीजिए
पहला तरीका बात चीत
बच्चा क्या महसूस कर रहा है और क्या सोच रहा है उसे यह बताने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चे की बॉडी लैंग्वेज, बात करने की टोन और शब्दों पर ध्यान दें, जिससे आप यह समझ सकें कि वह क्या कहने की कोशिश कर रहा है। अपनी बॉडी लैंग्वेज से भी गंभीरता को दर्शाएं।
दूसरा तरीका : डाइट
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बच्चों में डिप्रेशन! 4 तरीकों से दूर कीजिए |
अमेरिका के मेसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के अनुसार सेब में काफी मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट पाया जाता है, जो ऑक्सीडेशन डैमेज और सूजन को रोकने व मरम्मत करने में मदद करता है। इनमें काफी मात्रा में घुलनशील फाइबर भी पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर के उतार चढ़ाव को भी संतुलित करते है। इससे दिमाग शांत होता है और डिप्रेशन के लक्षण कम होते हैं।
तीसरा तरीका : नींद
स्लीप फाउंडेशन के अनुसार अपर्याप्त नींद की वजह से न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। सरकेडियम रिदम बिगड़ती है, जिससे डिप्रेशन के लक्षण और बढ़ जाते हैं। बच्चा यदि डिप्रेशन से ग्रसित है तो उसे कम से कम 9 घंटे तक सोने दें।
चौथा तरीका : खेलकूद
मायो क्लीनिक के अनुसार खेलकूद और एक्सरसारइज से खुशी देने वाला हार्मोन एन्डॉर्फिन रिलीज होता है। यह नकारात्मक विचारों के चक्र को तोड़ता है। खेलकूद बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ता है, जिससे उसे डिप्रेशन से उबरने में बहुत मदद मिलती है। यदि बच्चा सप्ताह में 3 से 5 दिन 30 मिनट भी खेलता है तो यह डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में कारगर हो सकता है।
डिप्रेशन की पहचान के तीन तरीके
व्यवहार में बदलाव आए तो... अगर बच्चे अधिकतर समय नकारात्मक बातें करें। जैसे, मैं बिल्कुल भी अच्छा नहीं हूं। मुझे कोई पसंद नहीं करता। तो यह डिप्रेशन के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। गतिविधियों में बदलाव हो जाए... परिवार के सदस्यों और मित्रों से दूर . दूर रहना। रात में बुरे सपने देखते हुए अचानक से उठ जाना। चीजों को याद करने में मुश्किल, साधारण से निर्णय लेने में भी दिक्कत होना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
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